BlackRock Case Study: क्या अंबानी और अदानी को सुबह खरीद के शाम को भेज देने वाली कोई कंपनी है? क्या एप्पल, गूगल, और फेसबुक जैसी तीनों कंपनियाँ पूरे विश्व को नियंत्रित करती हैं? क्या ऐसा व्यक्ति है जो इनको नियंत्रित करता है? हमेशा सुनते हैं कि कुछ लोगों के पास दुनिया का सारा पैसा होता है और वे सभी कुछ नियंत्रित करते हैं। वे हमेशा पैसा कमाते रहते हैं। ये लोग कौन हैं? आज हम इसी प्रकार के एक व्यक्ति और उसकी कंपनी के बारे में बात करेंगे। इस व्यक्ति का नाम है लैरी फिंक, और उसकी कंपनी का नाम है ब्लैकरॉक। यह व्यक्ति 9.3 ट्रिलियन डॉलरों का मालिक है।
धीरुभाई अंबानी का स्टॉक मार्केट में क्या योगदान है?
अगर आप पूछें कि यह 9.3 ट्रिलियन क्या होता है, तो इसे इस तरह से समझा जा सकता है: भारत की जीडीपी 3.2 ट्रिलियन डॉलर है, जिसमें 140 करोड़ भारतीय हैं। अगर एक व्यक्ति हर दिन 24 घंटे काम करके पैसा कमाए, तो उसकी कुल आय GDP का तीन गुणा होगा। इस तरह से, एक व्यक्ति के लिए 9.3 ट्रिलियन का एक प्रतिशत 93 बिलियन होगा। यहाँ तक कि यह राशि इतनी बड़ी है कि इसका नेटवर्क अभी तक नहीं है। इसके अलावा, एक ही व्यक्ति के पास इतना पैसा कैसे आया? इस विषय पर लहरी फिंक कौन है? और ब्लैकरॉक क्या है? ये पैसा कहाँ लगाया गया था? धीरुभाई अंबानी का स्टॉक मार्केट में क्या योगदान है? वे अपने बिजनेस का साम्राज्य कैसे बनाए रखते हैं? इसके साथ ही, क्या उन्हें सिर्फ पॉलिटिकल साइंस के ज्ञान से ही काम हो जाता है?
ये सब अद्वितीय प्रश्न हैं जिनका समाधान ब्लैकरॉक के बारे में है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और रोचक केस स्टडी है जिसमें बिजनेस और वित्त से जुड़ी अनेक महत्वपूर्ण जानकारियाँ हैं।
कुछ भी हो, इनके व्यवसायों को भी आप ठुकरा के मेरा प्यार, तू इतने कामयाब देखेगी तब जाके इतने बड़े-बड़े काम होते हैं। भाई साहब ने पढ़ाई की थी पॉलिटिकल साइंस में, लेकिन कमाई के लिए घुस गए शेयर मार्केट में। अब देखो, पॉलिटिक्स से क्या मिलता है – पावर। और स्टॉक मार्केट से क्या मिलता है – पैसा। और जो व्यक्ति इन दोनों के समझ से हैं, वह बड़े-बड़े गेम खेलता है। भारत में, इन दोनों की समझ किसको दी गई? धीरूभाई अंबानी को स्टॉक मार्केट का भी ज्ञान था, व्यापार में भी पूरी चालानी थी, और पॉलिटिक्स में भी सही पकड़ी थी। इसी चक्कर में, उन्होंने इतना बड़ा साम्राज्य बनाया कि उसे समय जो कोई सोच नहीं सकता था।
छोटे-छोटे टुकड़ों में बाँटो और अलग-अलग चीजों में निवेश करो।: BlackRock
टाटा, बिरला के नाम थे जो लोग सराहते थे, लेकिन उनके निकट अंबानीजी ने अपनी जगह बनाई। और फिर ऐसे ही कुछ किया और इतना बड़ा नाम बनाया। आखिरकार, आगे क्या किया जाएगा, यह डिस्कस करेंगे। उन्होंने जो 23 वर्ष की उम्र में कमाई शुरू की थी, उसके बाद कंपनी में काम शुरू किया। उन्होंने एक चीज इंवेंट की – डेट सिंडिकेशन। इन्होंने कहा, “छोटे-छोटे टुकड़ों में बाँटो और अलग-अलग चीजों में निवेश करो।” यह चीज थी, जिसके कारण साल 2008 में इतनी बड़ी आर्थिक संकट आया था, लेकिन उस ब्रह्माण्डिक घटना में भी उन्होंने अपनी नीव बनाई। उन्होंने 23 साल की उम्र में कमाई शुरू की, और 31 साल की उम्र में खुद को एक बड़ा नाम बनाया।
ये की अब वह किया गया है ना भाई साहब गए ना भाई साहब तो पूरे मार्केट में से अनटचेबल्स हो गए हैं। कोई इसके साथ काम नहीं करना चाहता, कोई इसे नौकरी भी नहीं रखना चाहता, और जो करंट फॉर्म थी उसने ये नहीं सोचा भी, उसने एक विलन का मां कर दिया है। उसने कहा “काम के दिया जो दिया, तूने ये क्या कर दिया”, तो “बाय बाय टाटा, जय माता दी”। तो उसके बाद बंदे का रिकॉर्ड हो गया, बोले साला, “इतना काम के दिया तुम भूल गए जो किसी के लिए कम नहीं करते।” खुद की कंपनी खोलेंगे तो 1988 की उम्र में जब ये 35 साल के थे।
“फंड कहां से मिले, कहां से मिले?”
इन्होंने कहा “फंड कहां से मिले, कहां से मिले?” तो इनको मिले भाई साहब, मिस्टर स्टीम, ये भी अपने तरह के लीजेंडरी इन्वेस्ट करते हैं। इन्होंने भी अपनी जिंदगी में खूब धूमधड़ा के किया, उनको लगा ये बांदा टैलेंटेड है, इसमें दम तो है, इसको मौका देना चाहिए। इनकी कंपनी का नाम था ब्लैक स्टोन, तो इन्होंने कहा की चलो अपन साथ में पार्टनरशिप कर लेते हैं, मैं 5 मिलियन आपको देता हूं क्रेडिट लाइन और आप कम तो चालू करो। अब इनको कम का एक्सपीरियंस था, चोट खाए व्यक्ति थे, एगो है व्यक्ति था। इन्होंने धीरे-धीरे कम किया एक्सपर्ट, तो ये चीज थे एक समय आया, जी जो कंपनी है।
जनरल इलेक्ट्रिक उसके को थे जैक वेल उनके पास बहुत साड़ी ऐसी ऐसेट फस गई थी जो समझ नहीं ए रहा था इसका क्या करें? और फाइनेंशियल ऐसेट थी लरीफिन को बुलाया बोले भाई, “ये एक्सपर्ट है, ये चीज जानता है”। इसीलिए इन्वेंट किया, ये गया और उन्होंने जाके जी की वो प्रॉब्लम सॉल्व कर देंगे। तो वहां से थोड़ा पैसा मिला और जीने का यार हमारे ये वाले meter तुम देखा करो, और जब जी ने भरोसा किया जो की नंबर वन कंपनी थी, तो भाई साहब धीरे-धीरे सब ने भरोसा किया, तो मंत्र 5 साल के अंदर इनका जो ऐसेट अंदर मैनेजमेंट है वो हो गया 20 बिलियन और धीरे-धीरे कंपनी आगे बढ़ाने लगी। अब जो स्टीव भाई साहब थे, वो अपने जमाने के खिलाड़ी आदमी थे।
ब्लैक स्टोन ग्रुप से अलग हो गए और उन्होंने नई कंपनी बनाई, नाम रखा “BlackRock”
वे कहते हैं, “मेरे अनुसार चलो, भाई, वह अपने समय का आदमी था। डी मैं तो ऐसा चलता हूं कि दो कड़वे लोग होते हैं – न तो एक बेटा है, न ही एक बहुत आदर्श इंसान हैं।” इन्होंने कहा, “भाई, थोड़ा ध्यान दो, तुम्हारी बैटरी अलग हो जाएगी।” फिर, वे ब्लैक स्टोन ग्रुप से अलग हो गए और यह बाइक की जिंदगी की सबसे बड़ी गलती थी। उन्होंने ब्लैक स्टोन से अलग होकर नई कंपनी बनाई और उसका नाम रखा “ब्लैक रॉक”। “कोई पत्थर तो है ही, कल ही है; तेरा स्टोन मेरा रॉक” – अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि “ब्लैकरॉक क्या है? यह क्या करता है?”
अब, यहां आता है पैसे का सवाल। पहले तो यह बताओ, कहाँ से आया? अगर आया है, तो कैसे आया? अब, हम बताते हैं कि “पेंशन फंड” क्या होता है। जैसे कि भारत सरकार में, आपकी पेंशन कट रही है – आपकी 30 साल तक पेंशन कटेगी, और जब आप रिटायर हो जाएंगे, तो जो पेंशन कट रही है, वह पैसा सरकार कहाँ लगाएगी? “पेंशन फंड” क्या करेगी? यह कहती है कि “इसको कहानी ठिकाने लगाओ, इन्वेस्ट करो।” पेंशन देने के लिए पैसा किसके पास है? “ब्लैकरॉक” में संभालो।
अमेरिका के GDP का 70% अकेले संभालते हैं।
भारत के बाद, बहुत सारा पैसा है। हमें भी इन्वेस्ट करना है। अगर हमें रिटर्न कम है, तो बैंक में क्या मिलेगा? यहाँ “ब्लैक करो” भाई। “आरबीआई” के पास भी बहुत सारा पैसा है। बताओ, भाई, “ब्लैक” लोगों, क्या करेंगे? इसी तरह के बड़े बड़े लोग, बड़े बैंक, बड़े पेंशन फंड – ये लोग कहाँ लगाते हैं पैसा? “ब्लैकरॉक” में। इस फॉर्च्यून 500 कंपनी के साथ।
“फॉरेन अफेयर” और “90 बिलियन” के आदमी, जो हैं मैं, 10-20 बिलियन देते हैं। जो लोग हमें पैसा देते हैं, वे अपना पैसा इसमें लगा रहे हैं। एक “त्रिलियन” कितना होता है? दुनिया के 300 बड़े पेंशन फंड का टोटल तो “त्रिलियन” होता है। “ब्लैकरॉक” की मां बात कर रहे हैं, दूसरा आता है “वेंगड़”, तीसरा “स्टेट स्ट्रीट कैपिटल”। ये तीनों ही अमेरिका के GDP का 70% अकेले संभालते हैं।
अब, एक सवाल यह है कि इतने सारे पैसे को इन्वेस्ट कहाँ करता है और कैसे पूरी दुनिया पे कंट्रोल करता है। “ब्लैकरॉक” कैसे सभी को ऑन करता है? इससे डरने की कोई बात नहीं है।
वर्ल्ड के टोटल शेयर और टोटल बंद वैल्यू का 10% BlackRock है।
अब हम बात करेंगे कि ब्लैकरॉक कितने पैसे लगाता है और उसका निवेश क्या है। ब्लैकरॉक इतना निवेश करता है कि आप मान सकते हैं कि वर्ल्ड के टोटल शेयर और टोटल बंद वैल्यू का 10% ब्लैकरॉक है। ब्लैकरॉक की संपत्ति का 50% अमेरिकन जीडीपी का हिस्सा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा शेडो बैंक है और यह वह कंपनी है जो पूरी दुनिया को काबिज़ करती है। आप समझ सकते हैं कि यह एक ऐसी कंपनी है जो पूरी दुनिया के अर्ध संपत्ति का हिस्सा है।
अब बात करते हैं ब्लैकरॉक की पावर के बारे में। ब्लैकरॉक की पावर का मोस्ट इनफ्लुएंशल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन बनाने के लिए 2010 में उसे एक अवार्ड मिला था। यह एक ऐसी कंपनी है जिसे चीनी सरकार ने अपने अंदर आने की इजाजत दी है। यह उन सभी बड़ी इंडस्ट्रीज़ में निवेश करता है जैसे कि एनर्जी, तेल, गैस, ट्रांसपोर्ट, और क्लीन एनर्जी। यह उन सभी बड़ी देशों की बड़ी कंपनियों में निवेश करता है और एशिया में यह सबसे बड़ी कंपनी है। ब्लैकरॉक ने बाजार में अपनी जगह बना ली है और वहाँ अपनी पावर दिखा रहा है।
2008 का क्राइसिस, 2020 में कोरोना के समय प
यह 2008 का क्राइसिस लेकिन भी बहुत दिलचस्प था। जब क्राइसिस आया, तो इसमें लाने की भी उसी शक्ति थी। जैसे सुल्तान और शेर जंग में, यहाँ भी ऐसा ही था। सभी उलट गए, और शेर का आदेश भी वही रहा। इसके अलावा, 2020 में कोरोना के समय पर भी एक ऐसी ही कहानी थी। बॉन्ड मार्केट इतना हिल गया था कि लिक्विडिटी खत्म होने की चिंता बड़ी कंपनियों को आने लगी थी। सरकार ने इसे बचाने के लिए कई उपाय किए, जैसे कि कंपनियों को बचा लेना।
इतने बड़े आदमी और कंपनियों(BlackRock) को हम क्यों नहीं जानते?
अब बताओ, इतने बड़े आदमी और कंपनियों को हम क्यों नहीं जानते? क्योंकि वे खुद चाहते ही नहीं। मैं यह बताता हूं, नए और पुराने पैसे में बड़ा अंतर है। नए पैसे वाला आदमी अपना पैसा खर्च करता है, जबकि पुराने पैसे वाला अपना पैसा बचाता है। एक अंतिम सवाल, आज का सौदा कल क्या होगा? दुनिया के तेल की वैल्यू का ध्यान रखते हुए, उसकी वैल्यू हमेशा अधिक रहेगी। जो व्यक्ति बेहतर निवेश करता है, वह हमेशा आगे बढ़ता है।
आज देखो, एक्साम्पल बहुत सर आ रहा है। आज मेरे पास ₹100 करोड़ रुपये हैं, पर मेरे 100 करोड़ रुपये धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं। तो मैंने ये सोचा कि 100 करोड़ रुपये कहां गए? मैंने नई कंपनी में इन्वेस्ट कर दी, जो अब उभरेगी। जब वो उभरेगी और मुझे नाम बनाने का मौका मिलेगा, तो मैं उनका स्टेटस नहीं, मैं कर दूंगा। इसलिए, जो कारवां है, वो हमेशा चलता रहेगा। इसलिए, पैसे वाले हमेशा पैसे वाले रहते हैं और गेम हमेशा पैसे और पावर का ही है। तो अगर आपका पैसा पर कंट्रोल है, तो भी आप हीरो हैं। और अगर आपका पावर कंट्रोल है, तो भी आप हीरो हैं। और दोनों पे कंट्रोल है।
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